नई दिल्ली, 24 फरवरी: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को तीन दशक पुरानी पेंशन लाभ योजना, 1996 के क्रियान्वयन में देरी और अदालत में दिए गए वचनों से मुकरने पर कड़ी फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति अभय एस. ओक और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने राज्य सरकार की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए पंजाब के मुख्य सचिव और लोक शिक्षण निदेशालय (कॉलेज) के उप निदेशक को 5 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता रजनीश कुमार और अन्य ने अदालत में याचिका दायर कर पंजाब निजी प्रबंधित संबद्ध और सरकार द्वारा सहायता प्राप्त कॉलेजों के लिए 1996 में घोषित पेंशन योजना को लागू न करने पर सवाल उठाया था। यह योजना 18 दिसंबर 1996 को अधिसूचित की गई थी, लेकिन अब तक लागू नहीं की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में कई बार इस योजना को लागू करने का वचन दिया, लेकिन बार-बार समय बर्बाद किया। अदालत ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सरकार को जल्द से जल्द योजना लागू करने का निर्देश दिया।