चंडीगढ़ : हरियाणा में अब भ्रष्टाचारी अधिकारियों और कर्मचारियों को समय से पहले ही जबरन सेवानिवृत्ति दी जाएगी. जैसे ही कोई अधिकारी और कर्मचारी 50 साल की आयु पूरी करेगा, उसके कार्य की समीक्षा की जाएगी. भ्रष्टाचार के आरोप सही मिले तो उसकी सेवाएं खत्म कर दी जाएंगी. इसके अलावा 55 साल की उम्र में भी कार्य की समीक्षा होगी, जिसके बाद तय किया जाएगा कि उसकी सेवाएं जारी रहेंगी या नहीं. सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों की सेवाकाल में दो बार समीक्षा की जाएगी. एक एचसीएस अधिकारी को सेवानिवृत्त करने के बाद सैनी सरकार ने अब ग्रुप बी के अधिकारी की एक्सटेंशन पर रोक लगाकर समय से पहले सेवानिवृत्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने वर्ष 2011 बैच के हरियाणा सिविल सर्विस के अधिकारी रीगन कुमार को जबरन सेवानिवृत्त कर दिया था, जिनके खिलाफ अमर्यादित व्यवहार के आरोप थे. प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए उम्र की सीमा 58 साल है. प्रदेश सरकार अभी तक 55 साल की उम्र पूरी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की समीक्षा कर रही थी. रिपोर्ट ठीक होने पर संबंधित व्यक्ति की सेवाओं को 58 साल तक जारी करने की अनुमति दे दी जाती है.