दिल्ली : टीवी दर्शकों को 1 अप्रैल से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसे बड़े आयोजनों को मिस करना पड़ सकता है. अगर भारतीय चैनलों द्वारा उपयोग किए जा रहे विदेशी सैटेलाइट्स को स्पेस रेगुलेटर की मंजूरी नहीं मिलती है तो सोनी, स्टार और जी नेटवर्क सहित 100 से अधिक चैनलों का प्रसारण बाधित हो सकता है. सरकार के नए नियम के अनुसार अब केवल उन्हीं विदेशी सैटेलाइट्स या सैटेलाइट समूहों को भारत में स्पेस-बेस्ड संचार या ब्रॉडकास्टिंग सेवाएं प्रदान करने की अनुमति होगी, जिन्हें भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन स्पेस) से 31 मार्च की समयसीमा तक मंजूरी मिल गई हो. हालांकि यह नियम केवल ब्रॉडकास्टिंग या लीनियर टीवी को प्रभावित करेगा, जबकि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने जाने वाला कंटेंट सामान्य रूप से जारी रहेगा. इंटेलसैट, वनवेब, आईपीस्टार, ऑरबिट कनेक्ट और इनमारसैट जैसे कुछ विदेशी सैटेलाइट्स को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन हांगकांग स्थित एशियासैट और एपीस्टार, चीन का चाइनासैट और मलेशिया का मिआसैट अभी भी स्वीकृति के इंतजार में हैं. टीवी ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री अब उम्मीद कर रही है कि या तो सभी विदेशी सैटेलाइट्स को मार्च के अंत तक मंजूरी मिल जाए या सरकार इस नियम की समयसीमा को आगे बढ़ाकर निर्बाध प्रसारण सुनिश्चित करे. हालांकि, उद्योग के कुछ वर्ग मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति और कुछ सैटेलाइट ऑपरेटर्स के चीन से जुड़े होने को लेकर चिंतित हैं. जानकार अधिकारियों ने बताया कि विदेशी सैटेलाइट्स की मंजूरी प्रक्रिया जारी है और इस महीने के अंत तक विभिन्न मंत्रालयों (गृह मंत्रालय और अंतरिक्ष विभाग सहित) के अधिकारियों की स्थायी समिति की बैठक के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकती है. एक अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर समिति दी बैठकों में फैसला कर लेती है.