दिल्ली :भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि एक पति को अपनी पत्नी के शेयर बाजार में हुए घाटे के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, बशर्ते उनके बीच मौखिक समझौता हो और उनके वित्तीय लेन-देन की प्रकृति ऐसी हो कि वह एक साथ इस जिम्मेदारी को साझा करें. यह फैसला उन मामलों में लागू होगा जहां पति और पत्नी ने आपस में मिलकर निवेश करने और किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी साझा करने की बात की हो.