शिवसेना (यूबीटी) में भगदड़ की आशंका, उद्धव ठाकरे एक्शन मोड में
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद शिवसेना (यूबीटी) के भीतर अस्थिरता का माहौल है। पार्टी के कई नेता जांच एजेंसियों के दबाव और सत्तारूढ़ महायुति के प्रलोभनों के कारण असमंजस में हैं, जिससे बगावत की आशंका बढ़ गई है। इस स्थिति को भांपते हुए यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे अब एक्शन मोड में आ गए हैं।
शुक्रवार को ठाकरे ने मातोश्री निवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें संभावित बगावत के कारणों की समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने भविष्य में होने वाली टूट को रोकने के उपायों पर भी चर्चा की।
मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) और अन्य नगर निकाय चुनावों से पहले शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी की ओर से यूबीटी को कमजोर करने की रणनीति अपनाई जा रही है। शिंदे गुट ने ‘ऑपरेशन टाइगर’, जबकि बीजेपी ने ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत यूबीटी के सांसदों, विधायकों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अपनी ओर खींचने की मुहिम छेड़ दी है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में यूबीटी के नेता लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे की सबसे बड़ी चुनौती अपनी पार्टी को एकजुट रखना और असंतुष्ट नेताओं को रोकना है। आगामी चुनावों से पहले यूबीटी को कमजोर करने की कोशिशें तेज हो गई हैं, लेकिन ठाकरे अपने वफादार नेताओं के साथ डटे हुए हैं।