केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा की। इन तीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन से राज्य में एक गतिशील और प्रगतिशील कानून-व्यवस्था स्थापित होगी, ऐसा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि अमित शाह के साथ हुई इस समीक्षा बैठक में इन कानूनों के महाराष्ट्र में क्रियान्वयन की प्रक्रिया, संस्थागत और बुनियादी ढांचे की तैयारी, और अब तक दर्ज मामलों की समीक्षा की गई। ये तीन कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता हैं। हाल ही में अमित शाह ने गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में भी इन कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा की थी, और अब महाराष्ट्र की स्थिति पर चर्चा की गई।
फडणवीस ने बताया कि महाराष्ट्र में इन तीनों कानूनों का कार्यान्वयन बहुत अच्छे तरीके से हो रहा है। राज्य में 27 मोबाइल फॉरेंसिक वैन पहले ही तैनात की जा चुकी हैं, और अगले छह महीनों में संपूर्ण नेटवर्क तैयार कर लिया जाएगा। सात साल से अधिक की सजा वाले मामलों में अब घटनास्थल पर ही मोबाइल फॉरेंसिक वैन के माध्यम से न्यायवैज्ञानिक जांच की जाएगी, जिससे गुणवत्तापूर्ण साक्ष्य प्राप्त होंगे।
राज्य पुलिस बल के दो लाख कर्मियों में से 90% का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है, और शेष 10% का प्रशिक्षण भी 31 मार्च तक पूरा करने की योजना है। इसके अलावा, नए कानूनों के तहत जेलों में साक्ष्य रिकॉर्डिंग के लिए विशेष क्यूबिकल्स बनाए जाएंगे, जिन्हें न्यायालयों से ऑनलाइन जोड़ा जाएगा। प्रत्येक अदालत के लिए अलग क्यूबिकल होगा, और अगले 6-8 महीनों में यह प्रणाली पूरी तरह कार्यान्वित हो जाएगी। इससे पुलिस बल पर दबाव कम होगा, सुरक्षा संसाधनों की बचत होगी और अदालतों में अनावश्यक भीड़ भी कम होगी।
नए कानूनों के तहत बार-बार अदालतों में पेशी की तारीखें लेने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। सरकारी वकीलों को इस बदलाव के अनुरूप प्रशिक्षण देने की आवश्यकता होगी, और इस विषय पर भी बैठक में मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन में और तेजी लाएगी।
26/11 के अपराधी तहव्वूर राणा के प्रत्यर्पण को अमेरिका की मंजूरी
मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी बताया कि 26/11 हमले के दोषी तहव्वूर राणा के प्रत्यर्पण को अमेरिका ने मंजूरी दे दी है, और इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पिछली बार तहव्वूर राणा की ऑनलाइन गवाही के माध्यम से पाकिस्तान की संलिप्तता साबित की गई थी, और अब मुंबई हमले के मामले में अंतिम न्याय का समय आ गया है। यह मुकदमा मुंबई में ही चलेगा, इसलिए उसे यहीं लाया जाएगा।
जब पत्रकारों ने राणा को मुंबई की जेल में रखने की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल किया, तो मुख्यमंत्री फडणवीस ने दृढ़ता से जवाब दिया – “अगर हम कसाब को मुंबई की जेल में रख सकते हैं, तो तहव्वूर राणा कौन सा बड़ा व्यक्ति है?”