दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय ने क्यूएफएक्स ट्रेड लिमिटेड और उससे जुड़ी अन्य कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रंग के तहत जांच शुरू कर दी है. इस घोटाले के मास्टरमाइंड नवाब अली उर्फ लैविश चौधरी और उनके साथियों पर इन्वेस्टर्स को गुमराह कर भारी रकम ठगने का आरोप है. टीम ने 30 से अधिक बैंक खातों में जमा 170 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए. नवाब अली उर्फ लविश चौधरी, जो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है और इस समय यूएई से धोखाधड़ी का ये धंधा चला रहा है, ने बोटब्रो नाम की एक एमएलएम कंपनी शुरू की. इसमें दावा किया गया कि एआई रोबोट्स की मदद से फॉरेक्स ट्रेडिंग की जाती है, जो ऑटोमैटिक तरीके से खरीद-बिक्री करने में सक्षम हैं. एक वेबसाइट के जरिए इसे प्रमोट किया गया, जहां निवेशकों को तीन तरह के निवेश प्लान्स में पैसा लगाने का लालच दिया गया. इनमें निश्चित आय और टीएलसी कॉइन में कमाई का वादा किया गया.
ईडी की छापेमारी और 170 करोड़ रुपये फ्रीज
11 फरवरी 2025 को ईडी ने दिल्ली, नोएडा, रोहतक और शामली में छापेमारी की. इस दौरान 30 से अधिक बैंक खातों में जमा 170 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए गए. 90 लाख रुपये नकद बरामद हुए. कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए. इसके अलावा, एक अवैध हवाला नेटवर्क का भी खुलासा हुआ. हिमाचल प्रदेश पुलिस ने क्यूएफएक्स ट्रेड लिमिटेड के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज होने के बाद ईडी ने इस घोटाले की जांच शुरू की.