दिल्ली : शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे बुधवार को दिल्ली पहुंचे. यहां पर उन्होंने उसी दिन कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की, जबकि गुरुवार को उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से भेंट की. इस दौरान उन्होंने इन दोनों नेताओं को इंडिया गठबंधन को मजबूत बनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि उन्हें मिलकर साझा विरोधी भाजपा से लड़ने पर विचार करना चाहिए. इन दोनों दलों ने यह देख लिया है कि अगर वे किसी भी राज्य में एक-दूसरे के खिलाफ आएं, तो इसका लाभ भाजपा को ही होना है. कई राज्यों में आप ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया, लेकिन दिल्ली में कांग्रेस ने आप को ऐसा नुकसान पहुंचाया कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया तक को चुनाव हारना पड़ा. हालांकि आदित्य ठाकरे ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इस लड़ाई के इतर भाजपा को चुनाव आयोग का आशीर्वाद भी हासिल था. यह सभी जानते हैं कि मतदाता और ईवीएम मशीन की गड़बड़ी से वोट कहीं और ही जा रहा है. अपने दिल्ली प्रवास के दौरान आदित्य ठाकरे ने जहां कांग्रेस और आप नेताओं से मुलाकात की, उनके बीच परोक्ष रूप से आपस में दोस्ती करने का संदेश भी दिया. लेकिन, इस दौरान उन्होंने एनसीपी नेता शरद पवार से दूरी बनाए रखी. उन्होंने पवार से मुलाकात नहीं की, जबकि वह दिल्ली में ही थे. यह माना जा रहा है कि जिस तरह से एक कार्यक्रम में शरद पवार ने महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सम्मानित किया, उनकी प्रशंसा की, उससे शिवसेना यूबीटी काफी अप्रसन्न है.
दिल्ली में आदित्य ने पवार से बनाई दूरी

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