माघ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान संगम तट पर आस्था का अभूतपूर्व सागर उमड़ पड़ा। शाम तक करीब 2.5 करोड़ श्रद्धालु पुण्य अर्जित करने के लिए पवित्र संगम में स्नान कर चुके थे। श्रद्धालुओं के स्वागत में आसमान से 25 क्विंटल फूलों की वर्षा की गई, जिससे माहौल भक्तिमय और भावनात्मक हो उठा।
धार्मिक सौहार्द की अनूठी मिसाल देखने को मिली जब काटजू रोड स्थित मस्जिद के बाहर नमाजियों ने भी श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की। इस पहल ने मेलों में आपसी भाईचारे और समर्पण का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया।
भीड़ प्रबंधन के मद्देनजर, प्रशासन ने विशेष कदम उठाए। संगम क्षेत्र में पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात रहे, वहीं लेटे हनुमान मंदिर, अक्षयवट और डिजिटल महाकुंभ सेंटर को अस्थायी रूप से बंद रखा गया ताकि श्रद्धालुओं का प्रवाह संतुलित बना रहे। इस बार सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर 15 जिलों के डीएम, 20 आईएएस और 85 पीसीएस अफसरों की तैनाती की गई, जिससे भीड़ नियंत्रण सुचारू ढंग से हो सके।
प्रयागराज की ओर जाने वाले मार्गों पर जबरदस्त भीड़ के कारण यातायात योजना में बदलाव किया गया है। शहर में वाहनों की एंट्री फिलहाल पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी न हो।
महाकुंभ का यह आयोजन न केवल आध्यात्मिकता की गहराई को दर्शाता है बल्कि समरसता और अनुशासन का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।