शेयर बाजार में लगातार पांच कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट के कारण निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा लगातार पूंजी निकासी और अमेरिका द्वारा नए सिरे से शुल्क लगाए जाने की आशंका से वैश्विक व्यापार युद्ध की चिंता बढ़ गई है, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है।
मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स में 1,018.20 अंकों (1.32%) की बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद यह 76,293.60 अंकों पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स का दो सप्ताह का निचला स्तर रहा। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,281.21 अंक तक लुढ़क गया था। इस गिरावट का प्रभाव बाजार पूंजीकरण पर भी पड़ा और बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 16.97 लाख करोड़ रुपये घटकर 40,92,643.6 करोड़ रुपये रह गया।
विशेष रूप से, मंगलवार को ही निवेशकों को 9,29,651.16 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। इस गिरावट के पीछे वैश्विक और घरेलू कारण प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं। अमेरिकी बाजारों में जारी उतार-चढ़ाव, फेडरल रिजर्व की सख्त मौद्रिक नीति के संकेत, और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने भारतीय बाजार पर भी असर डाला है।
इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली भी बाजार में नकारात्मकता बढ़ा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक स्तर पर कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिलता है और एफआईआई की बिकवाली जारी रहती है, तो बाजार में और गिरावट देखी जा सकती है। हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह गिरावट निवेश के नए अवसर भी प्रदान कर सकती है।