दिल्ली : कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पार्टी संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 14 करोड़ पात्र भारतीयों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिलने वाले लाभों से वंचित किए जाने का सोमवार को दावा किया और सरकार से जल्द से जल्द जनगणना कराने की मांग की. राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा विशेषाधिकार नहीं बल्कि नागरिकों का एक मौलिक अधिकार है. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 75 प्रतिशत ग्रामीणों के साथ ही 50 प्रतिशत शहरी आबादी सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने की हकदार है. हालांकि लाभार्थियों के लिए कोटा अब भी 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित किया जाता है, जो अब एक दशक से अधिक पुरानी है. स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार जनगणना में 4 वर्ष से अधिक की देरी हुई है. मूल रूप से यह 2021 के लिए निर्धारित थी लेकिन अब भी इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि जनगणना कब आयोजित की जाएगी.