पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीजेपी के साथ फिर से गठबंधन करने की अटकलों पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ तौर पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि महायुति में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की राकांपा के साथ पदों के बंटवारे और सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर पहले ही कई समस्याएं हैं। ऐसे में बीजेपी को किसी और साथी की आवश्यकता नहीं है।
फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि उद्धव ठाकरे के साथ उनकी कुछ मौकों पर औपचारिक मुलाकातें हुई हैं, लेकिन उन मुलाकातों के दौरान न तो कोई सियासी मुद्दा उठाया गया और न ही कोई बातचीत हुई। उन्होंने यह कहा कि उनकी और उद्धव ठाकरे की मुलाकातें केवल अभिवादन और औपचारिक बातों तक सीमित रही हैं।
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने 2024 के विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने फडणवीस को ‘आर-पार की लड़ाई’ की चेतावनी दी थी। उद्धव ने कहा था कि अब राजनीति में ‘तुम नहीं या फिर मैं नहीं’ का माहौल है, और यह स्पष्ट किया था कि आगामी चुनावों में भाजपा को वे हर हाल में चुनौती देंगे।
हालांकि, विधानसभा चुनाव 2024 के बाद उद्धव ठाकरे के बीजेपी के साथ जाने की अटकलें लगातार तूल पकड़ती रही हैं। इन अटकलों के बावजूद, मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्थिति को साफ करते हुए कहा कि बीजेपी को अब किसी अन्य सहयोगी की आवश्यकता नहीं है और महायुति में वर्तमान साझेदारी को ही बनाए रखा जाएगा।