ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने हाल ही में प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट को छात्र-विरोधी करार देते हुए त्रिमूर्ति चौक स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया और बजट की होली जलाकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि यह बजट गरीब और मजदूर वर्ग के छात्रों को शिक्षा से दूर रखने की साजिश है।
एआईएसएफ कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार शिक्षा के तेजी से निजीकरण की ओर बढ़ रही है, लेकिन सरकारी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की स्थिति सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि छात्रवृत्तियों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं की गई है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए उच्च शिक्षा हासिल करना और भी मुश्किल हो गया है।
प्रदर्शनकारियों ने बेरोजगारी की समस्या पर भी सरकार को घेरा और कहा कि बजट में इस गंभीर मुद्दे की पूरी तरह अनदेखी की गई है। उच्च शिक्षा के लिए 50,077.95 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, जो पिछले वर्ष के 55,932 करोड़ रुपये के वास्तविक खर्च से कम है। इससे यह साफ है कि सरकार शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता नहीं दे रही।
एआईएसएफ कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की कि शिक्षा के निजीकरण की नीति को बदला जाए, छात्रवृत्तियों में बढ़ोतरी की जाए और सरकारी विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों को सुदृढ़ करने के लिए पर्याप्त बजटीय प्रावधान किए जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने छात्रों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो उनका आंदोलन और तेज किया जाएगा।