सीतापुर : नैमिषारण्य स्थित प्रसिद्ध नारदानंद आश्रम के जगदाचार्य स्वामी देवेंद्रानंद सरस्वती का निधन हो गया. वे आश्रम के पीठाधीश्वर के रूप में सेवारत थे. उनके निधन की खबर फैलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. वह वेद और पुराणों के प्रकांड विद्वान माने जाते थे. बहुभाषाविद होने के साथ वे धर्मशास्त्रों के गहन ज्ञाता थे. आश्रम के शिक्षा सुधार समिति के उप मंत्री शांति देव त्रिपाठी ने बताया कि जगदाचार्य ने आश्रम में ही अंतिम सांस ली. 88 हजार ऋषियों की तपोस्थली के रूप में विख्यात नैमिषारण्य में स्थित नारदानंद आश्रम में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. दूर-दूर से उनके अनुयायी अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. उनके निधन से न केवल धार्मिक जगत को बल्कि समाज को भी अपूरणीय क्षति हुई है. आध्यात्मिक और धार्मिक ज्ञान के प्रकाश स्तंभ के रूप में जाने जाने वाले स्वामी जी के जाने से संत समाज में गहरा शोक व्याप्त है. लखनऊ से करीब 80 किलोमीटर दूर सीतापुर में स्थित नैमिषारण्य है. गोमती नदी के किनारे स्थित इस तीर्थ स्थल का उल्लेख हिंदू ग्रंथों में भी मिलता है.