कांग्रेस ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने और गुजरात में इसे लेकर समिति गठित किए जाने को लेकर गुरुवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने कहा कि यह देश को स्थायी रूप से ध्रुवीकरण की स्थिति में रखने के लिए बनाया गया एक राजनीतिक उपकरण नहीं बन सकता।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को जबरन अपने विभाजनकारी एजेंडे का हिस्सा बनाकर लागू किया है। उन्होंने कहा कि इस कानून को जिस तरह से आगे बढ़ाया गया है, वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है और समाज को बांटने वाला कदम है।
गुजरात सरकार ने भी हाल ही में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है। यह घोषणा उत्तराखंड सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता लागू करने के बाद की गई है। हालांकि, उत्तराखंड में इस कानून में अनुसूचित जनजातियों को छूट दी गई है।
कांग्रेस का मानना है कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य देश को एक समान कानूनी ढांचे के तहत लाना होना चाहिए, न कि इसे राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। पार्टी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और भाजपा की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं। अब देखना होगा कि इस पर अन्य राज्यों और राजनीतिक दलों की क्या प्रतिक्रिया रहती है।
