अर्जुनी मोरगांव : उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने किशोर चिंतामन तरोने के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. तहसीलदार, साकोली द्वारा 6 फरवरी 2018 को जारी आदेश को रद्द कर दिया गया है और इस आदेश के आधार पर वसूली की गई 20 हजार 400 रु. जुर्माने की राशि 6 प्रश. वार्षिक ब्याज के साथ 7 फरवरी 2025 से पहले वापस करने का निर्देश दिया गया है. अविनाश जी. घरोटे और अभय जे. मंत्री की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि तहसीलदार ने महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता की धारा 48 (7) के तहत अपनी शक्तियों का उचित उपयोग किया था, लेकिन आदेश पारित करने से पहले आवेदक को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया. परिणाम स्वरूप, यह आदेश कानूनी मानकों पर खरा नहीं उतर सकता. न्यायालय ने इस आदेश को निरस्त कर दिया है और मामले को तहसीलदार, साकोली को वापस भेज दिया है तथा निर्देश दिया है कि आवेदक को सभी दस्तावेजों के साथ अपना मामला प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाए.