सरपंच हत्या मामले में धनंजय मुंडे ने दी सफाई, कहा- इस्तीफा समाधान नहीं
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री धनंजय मुंडे बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने विपक्ष पर इस मुद्दे के राजनीतिकरण का आरोप लगाया और कहा कि उनका इस्तीफा देना पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है।
मुंडे का यह बयान वंजारी समुदाय के आध्यात्मिक नेता नामदेव शास्त्री के समर्थन के बाद आया। भगवानगढ़ संस्थान के प्रमुख शास्त्री ने कहा कि मुंडे जबरन वसूली के पैसे पर जीवन-यापन करने वाले व्यक्ति नहीं हैं और उनके खिलाफ पिछले 53 दिनों से अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा रहा है।
यह विवाद तब बढ़ा जब सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में मुंडे के सहयोगी वाल्मिक कराड को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि 9 दिसंबर 2024 को देशमुख की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह बीड में एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली को रोकने की कोशिश कर रहे थे। कराड को इस मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जिसके बाद विपक्ष मुंडे के इस्तीफे की मांग कर रहा है।
धनंजय मुंडे, जो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली कैबिनेट में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री हैं, ने स्पष्ट किया कि हत्या एक गांव का मामला था, लेकिन इससे सामाजिक माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने अपने खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और खुद को निर्दोष बताया।
