2024 के विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र सरकार ने ‘लाडली बहन योजना’ की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता देना था। इस योजना के तहत, सरकार ने जुलाई 2024 से जनवरी 2025 तक लगभग ढाई करोड़ लाभार्थी महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह की सात किस्तों का भुगतान किया। लेकिन इस योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 30 लाख महिलाएं जिन्होंने योजना का लाभ उठाया, वे अयोग्य थीं।
चिंताजनक बात यह है कि इन महिलाओं को फरवरी में मिलने वाली आठवीं किस्त का पैसा नहीं मिलेगा, और वे अब इस योजना की लाभार्थी सूची से बाहर हो जाएंगी। सरकार ने अब इन लाभार्थी महिलाओं की पात्रता की जांच शुरू कर दी है, और इसके तहत अकेले लातूर जिले में 25 हजार से अधिक आवेदन खारिज किए गए हैं। यह दावा किया जा रहा है कि इस योजना के तहत करीब 3000 करोड़ रुपए की राशि गलत तरीके से वितरित की गई है।

इस फर्जीवाड़े को लेकर राज्य सरकार अब कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार है और अधिकारियों का कहना है कि सभी अपात्र महिलाओं को इस योजना से बाहर कर दिया जाएगा। सरकार का यह कदम निश्चित रूप से उन वास्तविक महिलाओं की मदद करेगा, जो इस योजना के लाभ के असली हकदार हैं।