बीड के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस मामले में कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे की कुर्सी संकट में फंसी हुई है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुंडे के भविष्य को लेकर जल्द ही कोई कठोर निर्णय ले सकते हैं। मुंडे, डिप्टी सीएम अजीत पवार के गुट से जुड़े हुए हैं, जिससे उन पर राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने मुंडे के खिलाफ अजीत पवार को कुछ अहम दस्तावेज सौंपे और विवादित मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। दमानिया का दावा था कि डिप्टी सीएम ने विश्वास दिलाया कि वह मुंडे का इस्तीफा ले लेंगे।

वहीं, अपने मंत्री पद को बचाने के लिए मुंडे भी पूरी ताकत लगा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने मुख्यमंत्री से एक बार फिर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। इस बीच, संतोष देशमुख हत्याकांड की जांच के लिए तीन अलग-अलग जांच प्रक्रिया चल रही हैं, जिसमें सीआईडी और एसआईटी की जांच भी शामिल है। मंगलवार को डिप्टी सीएम अजीत पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अंजलि दमानिया ने उन्हें कुछ दस्तावेज सौंपे हैं, जिनका वह निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी, और संतोष देशमुख हत्याकांड में दोषियों को फांसी की सजा दिलवाने की बात की।
इस मामले के राजनीतिक और कानूनी पहलू दोनों ही महत्वपूर्ण हैं, और आने वाले समय में यह देखना होगा कि सरकार इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती है।