आजकल ऑनलाइन गेम्स की लोकप्रियता में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन इसके साथ-साथ कुछ खतरनाक और हिंसक गेम्स भी बच्चों और युवाओं के बीच अपनी जगह बना रहे हैं। इन गेम्स में न केवल समय की बर्बादी होती है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। कई ऑनलाइन गेम्स बच्चों को हिंसा, नशे की लत और आक्रामक व्यवहार की ओर प्रवृत्त कर रहे हैं। इसके अलावा, गेम्स में अधिक समय बिताने से बच्चों का पढ़ाई से ध्यान हट जाता है और उनका सोशल लाइफ भी प्रभावित होता है।
खतरनाक ऑनलाइन गेम्स बच्चों की सोच और व्यक्तित्व को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। कई गेम्स में हिंसा, अपराध और शारीरिक नुकसान को बढ़ावा दिया जाता है, जो बच्चों को गलत तरीके से प्रभावित कर सकते हैं। इसके कारण, बच्चों में मानसिक अवसाद, चिंता, और तनाव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, कुछ गेम्स में ऑनलाइन शोषण और साइबर बुलिंग के भी मामले सामने आए हैं।
इसलिए, ऑनलाइन गेम्स पर नियंत्रण लगाना और उन पर रोक लगाना बहुत जरूरी हो गया है। सरकार और संबंधित संस्थाओं को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। वे बच्चों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ मनोरंजन के विकल्प प्रदान करें और ऑनलाइन गेम्स की निगरानी को सख्त बनाएं। अभिभावकों को भी इस विषय पर सजग रहना चाहिए और बच्चों को अनावश्यक गेम्स से दूर रखने के लिए जागरूक करना चाहिए। इसके साथ ही, बच्चों को बेहतर समय प्रबंधन और स्वस्थ गतिविधियों के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि वे एक सकारात्मक जीवन जी सकें।