जीवनशैली में परिवर्तन, ऑनलाइन गेम ने छीन लिया सूख-चैन
भंडारा : आउटडोर खेल और छात्रों का रिश्ता काफी पुराना है. आधुनिक युग में मानव जीवनशैली में अनेक परिवर्तन हो रहे हैं. हाल ही में आउटडोर खेलों का आकर्षण कम होता जा रहा है. पहले सड़कों पर दौड़ प्रतियोगिता हुआ करती थी. अब उनका स्थान स्कूली जीवन में दौड़ प्रतियोगिताओं में भाग लेने तक ही सीमित रह गया है. पिछले कुछ वर्षों में लड़के- लड़कियों की ओर से खेले जाने वाले कई पारंपरिक सड़क और मैदानी खेल अब विलुप्त हो चुके हैं. आजकल हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन है और हर कोई केवल ऑनलाइन रहने पर ध्यान दे रहा है. अतीत में बड़े पैमाने पर खेल के लिए बड़े मैदान उपलब्ध होते थे. इसलिए खेलने के लिए जगह ढूंढने की कोई जरूरत नहीं थी. हालांकि, अब ऐसा नहीं है. इस युग में मैदान के लिए कोई जगह नहीं बची है. ऐसे में कहां खेलें? इससे एक बड़ा और गहरा सवाल भी उठने लगा है. अतीत में जब स्कूल की छुट्टियां होती थीं, तो कई दोस्त घर भागते थे और बड़े उत्साह के साथ पारंपरिक आउटडोर खेल खेलने के लिए एकत्र होते थे. अब इसकी जगह घर पर बैठकर घंटों कंप्यूटर और मोबाइल गेम खेलने ने ले ली है. पुराने पारंपरिक आउटडोर खेल लुप्त हो रहे हैं. वर्तमान समय में एकमात्र बचा हुआ शारीरिक व्यायाम खेल और विदेशी क्रिकेट ही है.