मुंबई : महाराष्ट्र की महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी ‘लाडली बहन’ योजना अब विवादों में घिरने लगी है. लाडली बहनों (लाभार्थी महिलाओं) के वोट की बदौलत चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद अब सरकार लाभार्थी महिलाओं की पात्रता की फिर से जांच करने जा रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार ने लाडली बहनों की पात्रता के लिए 5 शर्ते निर्धारित की हैं. इन मापदंडों पर खरा नहीं उतरनेवाली महिलाओं का आवेदन खारिज कर दिया जाएगा तथा बहनों को दिया गया पैसा वापस लेने की बात भी कही जा रही है. इस पर विपक्ष भड़क गया है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में गेम चेंजर साबित हुई मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण (लाडली बहन) योजना के लिए राज्य से कुल 2 करोड़ 63 लाख महिलाओं ने आवेदन किए थे. इनमें से 2 करोड़ 34 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ मिला था. लेकिन आधार सीडिंग नहीं होने के कारण कई महिलाएं लाभ से वंचित रह गई थीं. बाद में आधार सीडिंग करने वाली 12 लाख 67 हजार महिलाओं को भी पहले पांच महीने का एकमुश्त पैसा दे दिया गया.
ये है स्क्रीनिंग मानदंड : सरकार ने आधार कार्ड पर अलग नाम और बैंक में अलग नाम वाले आवेदनों का दोबारा सत्यापन करने का निर्णय लिया जाएग. केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद आधार कार्ड की ई-केवाईसी करके आवेदनों को सत्यापित किया जाएगा. सरकारी रोजगार में रहते हुए लाभ प्राप्त करने वाली तथा ढाई लाख से अधिक आमदनी वाली महिलाओं के आवेदन रद्द किए जाएंगे. लाभार्थी महिलाओं के पास 2 हेक्टेयर, (5 एकड़) से ज्यादा जमीन नहीं होनी चाहिए, इसी तरह सरकार की दूसरी योजनाओं मसलन ‘नमो शेतकरी योजना’ का लाभ लेनेवाली लाभार्थी महिलाओं के आवेदन पर पुनर्विचार किया जाएगा. तो वहीं जिन महिला लाभार्थियों के पास चार पहिया वाहन हैं, उन्हें भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा. राज्य सरकार ने आयकर विभाग से जानकारी मांगी है.