भंडारा : वनविभाग के अंतर्गत आने वाले लेंडेझरी वनक्षेत्र के देवनारा कक्ष क्र. 62 में एक बाघ मृत अवस्था में पाया गया. घटना की जानकारी मिलते ही वन अधिकारी और कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे. प्राथमिक अनुमान के अनुसार, बाघ की मृत्यु वाहन की टक्कर से हुई है. राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण के अनुसार, इस वर्ष राज्य में 22 बाघों की मृत्यु हुई है, जबकि वास्तविक संख्या इससे अधिक होने का अंदाजा है. क्या हुआ था ? – 14 से 16 महीने की उम्र के बाघ के पिछले पैरों में चोट थी, आंतें फटी हुई थीं और गर्दन में भी गहरी चोटें आई थीं. इसलिए अनुमान है कि हल्के वाहन ने बाघ को सड़क पर टक्कर मारी होगी, क्योंकि सड़क पर बाघ के पैरों के निशान मिले थे. घटना की जानकारी मिलते ही काफी संख्या में गांववाले इकट्ठा हो गए. गोबरवाही के पुलिस निरीक्षक विनोद गिरी और उनकी टीम ने भीड़ को नियंत्रित किया. इस मामले में वन अपराध दर्ज किया गया है और जांच उपवन संरक्षक राहुल गवई के मार्गदर्शन में प्रकाष्ट निष्कासन अधिकारी रितेश भोंगाडे और वनपरिक्षेत्र अधिकारी वैद्य द्वारा की जा रही है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट क्या कहती है? पशुपालन विकास अधिकारी डॉ. बारापात्रे, डॉ. शुभम थोरात, डॉ. सुरज पाटील, और डॉ. मेघराज तुलावी सहित एक समिति गठित की गई. इस दौरान राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि के रूप में सीट स्वयंसेवी संस्था के शाहीद खान और प्रधान मुख्य वन संरक्षक के प्रतिनिधि के रूप में मानद वन्यजीव रक्षक पंकज देशमुख भी उपस्थित थे. पोस्टमॉर्टम के बाद यह प्राथमिक अनुमान व्यक्त किया गया कि बाघ की मृत्यु सड़क हादसे के कारण हुई है. महाराष्ट्र में कितने बाघों की मौत ? राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 124 और महाराष्ट्र में 22 बाघ मृत्युमुखी हुए हैं. हालांकि, वन्यजीव प्रेमियों का मानना है कि वास्तविक संख्या इससे ज्यादा हो सकती है. मध्य प्रदेश में इस साल 46 बाघों की मृत्यु हुई है. इस वर्ष बाघों के प्राकृतिक मौतें कम रही हैं, जबकि सड़क हादसों और अन्य कारणों से बाघों की मृत्यु अधिक हुई है. इस साल भी शिकार की घटनाएं सामने आई हैं, जिनकी जांच चल रही है. बाघों की आकस्मिक मृत्यु और संदेहास्पद मौतों की संख्या भी ज्यादा है.