गोंदिया : जैसे-जैसे डिजिटल युग आगे बढ़ रही है, साइबर अपराध की प्रकृति और अधिक जटिल होती जा रही है. हालांकि 2025 में इन अपराधों की प्रकृति बदल जाएगी, लेकिन यदि नागरिक उचित सावधानी बरतें तो इन चुनौतियों पर काबू पाया जा सकता है. साइबर सेल के पुलिस निरीक्षक ओमप्रकाश गेडाम ने कहा कि एक सुरक्षित डिजिटल दुनिया बनाने के लिए सभी को जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत है.
ऐसे रखे ध्यानः मजबूत पासवर्ड और 2- चरणीय प्रमाणीकरण का उपयोग करें, दो चरणीय प्रमाणीकरण प्रणाली का उपयोग करें. संदिग्ध लिंक, ई-मेल से बचें, अजनबियों के संदेशों में आए लिंक को नखोलें. स्मार्टफोन, लैपटॉप और आईओटी डिवाइस के सॉफ्टवेयर को समय-समय पर अपडेट करें. वीपीएन का उपयोग करके सुरक्षित ब्राउजिंग सुनिश्चित करें. बैंकिंग या खरीदारी के लिए केवल बैंकों या अधिकृत प्रदाताओं के ऐप्स का उपयोग करें. साइबर अपराध तकनीकों का अध्ययन करें और धोखाधड़ी होने से पहले सतर्क रहें. डीप फेक वीडियो, डेटा चोरी को रोकने के लिए सतर्क रहे साइबर अपराधी फिशिंग, स्पूफिंग और डीपफेक वीडियो बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करेंगे, जिससे नकली वीडियो अधिक विश्वसनीय लगेंगे. स्मार्ट डिवाइस और हेल्थकेयर ऐप्स से व्यक्तिगत स्वास्थ्य डेटा चोरी हो जाएगा, जिसका इस्तेमाल ब्लैकमेल के लिए किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित धोखाधड़ी, ब्लॉकचेन तकनीक का दुरुपयोग कर फजी निवेश योजनाओं के माध्यम से धोखाधड़ी बढ़ेगी. स्मार्ट होम और कनेक्टेड डिवाइसों के उपयोग से हैकिंग और गोपनीय जानकारी की चोरी का खतरा बह जाएगा