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सामाजिक संगठनों ने किया विरोध मार्च

भंडारा : देश और राज्य में हो रही विभिन्न घटनाओं के विरोध में शुक्रवार, 27 दिसंबर को लाखनी शहर में लाखनी बंद का आह्वान किया गया. इस बीच, फुले-शाहू- अम्बेडकरवादियों, संविधान प्रेमियों और सामाजिक संगठनों की ओर से परभणी, बीड नरसंहार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से डॉ. बाबासाहब आंबेडकर पर दिए गए बयान के विरोध में आक्रोश मार्च निकाला गया. इस समय आदोलनकारियों ने तहसीलदार लाखनी के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को ज्ञापन भेजा. कुछ दिन पहले परभणी में भारतीय संविधान की प्रतिकृति को तोड़ दिया गया था. इसलिए फुले-शाहू-आम्बेडकर के लोगों और संविधानवादियों ने परभणी शहर में इसका विरोध किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया. उसमें सोमनाथ सूर्यवंशी भी शामिल थे. पुलिस की पिटाई से उनकी मौत हो गई. बीड जिले के मसजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या कर दी गई. इनमें से 3 आरोपी अभी भी फरार हैं और उनका अब तक पता नहीं चल सका है. दूसरी ओर राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का जिक्र करते हुए अपमानजनक बयान दिया. इन तीन मुद्दों को लेकर आक्रोश मार्च निकाला गया. मार्च महाप्रज्ञ बुद्ध विहार लाखनी से शुरू हुआ और बस स्टैंड होते हुए तहसील कार्यालय के सामने सभा में परिवर्तित हुआ. विभिन्न सामाजिक/राजनीतिक संगठनों ने इस आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया. इस अवसर पर दीपक जनबंधु, सुरेंद्र बंसोड़, योगेश कांबले, अश्विनी भिवगड़े, प्रो. सुरेश खोबरागड़े, धीरज गोस्वामी, आर. सी. फुल्लुके, आशीष नंदागवली, नेहाल कांबले, बबीता श्यामकुंवर, सारिका बंसोड़, अमित रामटेके, अधि. प्रशांत गणवीर, शेंडे, डी. जी. रंगारी, मनोज कोटांगले, सुमन कान्हेकर सहित सैकड़ों कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित थे.

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