गोदिया : बरसात का मौसम खत्म होने के बाद किसानों के पास कोई काम नहीं होने और सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा अपना काम शुरू नहीं करने के कारण सैकड़ों ग्रामीण, आदिवासी और खेतिहर मजदूर अपने परिवार के साथ रोजगार के लिए अन्य बड़े शहरों में पलायन करने लगे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा ऋतु के दौरान कृषि कार्य होते हैं. उसके बाद धान की कटाई और चुराई जैसे काम होते हैं, लेकिन दिवाली के बाद कोई काम नहीं होता, ग्रामीण, खेतिहर मजदूर और आदिवासी अपने परिवार का पेट पालने के लिए नागपुर, मुंबई, हैदराबाद में काम करने चले जाते हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना शुरू की गई है. मजदूरों को ग्राम पंचायत में काम मांगना पड़ता है. इसके अनुसार सरकार के विभिन्न विभाग मनरेगा के तहत रोजगार गारंटी योजना का काम शुरू करते हैं. इस प्रक्रिया में कुछ समय लगता है. बरसात का मौसम समाप्त होते ही अनेक मजदूर तुरंत रोजगार की तलाश में पलायन कर जाते हैं. ग्रामीण, खेत मजदूर, आदिवासी परिवार आजीविका के काम की तलाश में ईंट भट्टों, खेतों और होटलों में काम करने के लिए पलायन कर रहे हैं.