RTO कांड में पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह का नाम आया
भोपाल : करोड़पति कांस्टेबल कांड को लेकर जांच एजेंसियों की कार्रवाई जारी है. ‘धनकुबेर’ बनकर उभरे पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की राजनेताओं और अधिकारियों से संलिप्तता से सियासी बवाल मचा हुआ है. इस बीच कुछ ऐसी जानकारियां सामने आई हैं, जिससे पूर्ववर्ती सरकार और पूर्व मंत्रियों की टेंशन बढ़ सकती है. मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह चेक पोस्ट पर अवैध वसूली को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं. इस बीच ये दिग्गज नेता अब खुद सवालों के घेरे में हैं, क्योंकि सौरभ शर्मा की नियुक्ति ही भूपेंद्र सिंह के परिवहन मंत्री रहने के दौरान हुई थी. सूत्रों का दावा है कि सौरभ शर्मा के स्व. पिता राकेश शर्मा जब चिकित्सा अधिकारी थे, उस दौरान उन्होंने जमकर पैसा कमाया था. तत्कालीन शिवराज सरकार में (2013 से 2018 तक) भूपेंद्र सिंह के पास परिवहन एवं आईटी विभाग था. 2016 में सौरभ की नियुक्ति परिवहन विभाग में हुई थी. जबकि नियमानुसार वह नियुक्ति का पात्र नहीं था. सीएमएचओ ने अधिकार न होने के बावजूद स्वास्थ्य आयुक्त से अनुरोध किया कि सहायक वर्ग-3 का पद रिक्त न होने की वजह से सौरभ को स्वास्थ्य विभाग के अलावा कहीं और नियुक्त कर दिया जाए. जिसके बाद 29 सौरभ को 16 माह फील्ड पोस्टिंग दी गई. इ इतना ही नहीं, सौरभ को लगभग 6 माह के बाद फील्ड पोस्टिंग दे दी गई थी. सूत्रों का दावा है कि यह पोस्टिंग भूपेंद्र सिंह के परिवहन मंत्री रहते हुए हुई थी.