साकोली : मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्माण कार्य का समय एक साल का होता है और उसके बाद उसी ठेकेदार से पांच साल तक मरम्मत का काम लिया जाता है. साथ ही न्यूनतम मानधन पर काम करने वाले जूनियर इंजीनियरों की निगरानी में इस तरह से सड़क निर्माण के कारण सड़क की गुणवत्ता घट रही है, इस पर रोष व्याप्त हो रहा है. संबंधित विभाग को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है. तहसील सहित जिले की सभी सड़कें सार्वजनिक निर्माण विभाग या जिला परिषद सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन आती हैं. लेकिन इन विभागों के पास बहुत कम जनशक्ति और निधि की कमी होने के कारण देखभाल और मरम्मत के काम पर ध्यान नहीं दिया गया है. जिसके परिणामस्वरूप लगभग सभी सड़कों की हालत खराब हो गई है. इसके कारण इन सड़कों से यात्रा करने वाले वाहन चालकों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ी है. यह समस्या सरकार के ध्यान में आयी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री के कार्यकाल में केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क विकास कार्य किए गए. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें उसी हालत में रहीं. केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की गई. आज तक यह योजना जारी है. इस योजना के तहत तहसील से गुजरने वाले अंतरराज्यीय, अंतरजिला, अन्य जिला मार्ग और ग्रामीण मार्गों पर सड़क चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का काम किया गया है. लेकिन निर्माण कार्य के बाद उसी ठेकेदार को मरम्मत का काम सौंपने के कारण सड़क की गुणवत्ता घटने से करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी कई सड़कों की स्थिति ‘जैसी थी’ बनी हुई है, जो तहसील में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है. इस पर उपायों की आवश्यकता है.