खेती में बढ़ती लागत के कारण घाटे का सौदा
गोंदिया : धान उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन अनुदान के रूप में राज्य सरकार की ओर से बोनस की घोषणा की जाती है. नागपुर शीतकालीन सत्र के दौरान बोनस की घोषणा होती है. 21 दिसंबर को विधानमंडल में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धान पर प्रति हेक्टेयर 20 हजार रु. बोनस की बात कही. बोनस में बढ़ोत्तरी नहीं की गई है. जिससे धान पर पिछले वर्ष की तरह 20 हजार रु. बोनस स्पष्ट हो गया है. पूर्व विदर्भ में सबसे ज्यादा धान का उत्पादन किया जाता है. लेकिन धान की खेती बढ़ती लागत के कारण घाटे का सौदा बन गई है. धान उत्पादक किसानों को उत्पादन खर्च निकालने के लिए प्रोत्साहन अनुदान के रूप में राज्य सरकार की ओर से बोनस दिया जाता है. पिछले दो वर्षों से सरकार ने धान पर प्रति हेक्टेयर बोनस की घोषणा करने की शुरुआत की है. विधानसभा चुनाव के दौरान महायुति सरकार ने धान पर प्रति हेक्टेयर 25 हजार रु. बोनस की घोषणा की थी. जिले के विधायक विनोद अग्रवाल, राजकुमार बडोले, विजय रहांगडाले व संजय पुराम ने नागपुर के विधिमंडल के शीतकालीन सत्र में धान पर प्रति हेक्टेयर 25 हजार रु.बोनस की मांग रखी थी. शनिवार को विधिमंडल अधिवेशन के अंतिम दिन भी विधायक बडोले ने बोनस का मुद्दा उपस्थित कर सभागृह का ध्यानाकर्षण कराया था.