चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार पर कांग्रेस ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कांग्रेस फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के चेयरमैन करण दलाल और विधायक अशोक अरोड़ा ने इस प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इसमें हार के कारणों को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया, इस दौरान करण दलाल ने कहा कि हाईकमान के कहने पर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया गया. सभी सर्वे और रिपोट्र्स प्रदेश में हरियाणा की सरकार बनती हुई दिखाई गई है लेकिन नतीजे हैरान करने वाले सामने आए, हमारी रिपोर्ट में तथ्यों के साथ बताया गया है कि चुनाव के नाम पर मजाक किया गया. ईवीएम का डाटा अब तक इलेक्शन कमीशन की वेवसाइट पर नहीं है. सिर्फ चुनाव प्रतिशत ही बताया गया. चुनाव आयोग भाजपा की दासी है. ईवीएम मशीनों में बीप की आवाज नहीं थी. करण दलाल ने कहा कि जहां हेराफेरी की गई वहां के प्रिजाइडिंग ऑफिसर आरएसएस से जुड़े बैकग्राउंड से थे. सभी सीटों पर हेराफेरी नाहीं की गई कुछ सीटों पर ही ऐसा किया गया. मशीनों का खेल करके झूठे आंकड़ों का खेल किया गया. ईवीएम बैटरी को लेकर भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. फॉर्म 17-सी के भी सही वोटों की जानकारी नहीं दी गई. 5 तारीख को बोट प्रतिशत भी बदला गया. सिर्फ वोट प्रतिशत ही बताया गया. 7 तारीख की वोट प्रतिशत फिर बढ़ा दिया गया. इस पसेंटेज के हिसाब से हर विधानसभा क्षेत्र में 15000 के करीब वोट बढ़ने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि अगर इलेक्शन कमीशन या भाजपा के नेता इस रिपोर्ट के एक प्वाइंट को भी गलत साबित कर दें तो हम रिपोर्ट वापस ले लेंगे और माफी भी मांग लेंगे, सत्ता में बने रहने के लिए सिस्टम का मिसयूज किया गया. सिलेक्टेड इलाकों में ईवीएम का खेल किया गया. शहरी इलाकों में ज्यादा खेल किया गया. हर हरियाणा के जिले में चुनाव के बाद 5 से लेकर 7 तारीख तक वोट प्रतिशत बढ़ाया गया लेकिन नूंह में वोट प्रतिशत गिराया गया. हर विधानसभा क्षेत्र में जितने वोट पड़े उससे कम या ज्यादा गिनती हुई है. अगर मेरा आंकड़ा झूठा है तो मुझ पर ये रिपोर्ट बनाने के लिए मुकदमा होना चाहिए नहीं तो हेराफेनी करने वाले अधिकारियों और नेताओं पर मुकदमा होना चाहिए. ये जनता की चुनी हुई नहीं बल्कि ईवीएम के खेल से बनी सरकार है. मोटे तौर पर अर्बन इलाकों में ईवीएम मशीनों और अफसरशाही का खेल किया गया. पहली बार इलेक्शन प्रोसेस शुरू होने के बाद चुनाव की तारीखें बदली गई.