दिल्ली : भारत की हालिया राजनीति में पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर एक बड़ा। मुद्दा रहा और अमेरिकी अमेरिकी कोर्ट के इजराइली एनएसओ ग्रुप को लेकर आए फैसले के चलते भारत में एक बार फिर पेगासस विवाद पर बहस छिड़ सकती है. अमेरिकी अदालत ने एनएसओ पुप को पेगासस के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा है कि कंपनी इस पूरे विवाद के लिए जवाबदेह है. अमेरिका फोर्ट का यह फैसला व्हाट्सएप द्वारा एनएसओ ग्रुप के खिलाफ दायर केस में आया है. भारत में पेगासस कथित तौर पर पत्रकारों, राजनेताओं, केंद्रीय मंत्रियों और कुछ सामाजिक सदस्यों के डिजिटल गैजेट्स में लगाया गया था. अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने 2021 में एनएसओ समूह को ब्लैक लिस्ट सूची में डाल दिया और अमेरिकी सरकारी एजेंसियों को इसके प्रोडक्ट्स खरीदने से रोक दिया था. आरोप है कि पेगास्स्स को इस्तेमाल दुनियाभर के देशों में सत्ताधारी सरकारों की पार्टियों ने हैकिंग और जासूसी के लिए किया है. 2021 में एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया था कि पेगाररस का उपयोग 300 से अधिक भारतीय मोबाइल नंबरों पर भी किया गया था. इनमें नरेंद्र मोदी सरकार के दो मंत्री, तीन विपक्षी नेता, एक संवैधानिक प्राधिकरण, कई पत्रकार और व्यवसायी शामिल थे. इस खुलासे ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों पर सवाल खड़े कर दिए केंद्र की मोदी सरकार और राज्यों की सरकारों पर आरोप इसलिए भी लगाए गए, क्योंकि एनएसओ ग्रुप ने बार-बार स्पष्ट सौर पर यह कहा कि वह केवल सरकारों और सरकारी एजेंसियों से ही डील करता है. हालांकि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि व्हाट्सएप बनाम एनएससओ ग्रुप मामले के हिस्से के रूप में बिना सील किए गाए दस्तावेजों से पता चला है कि एनएसओ ग्रुप ने सालों तक पेगासस की तैनाती में अपनी भूमिका को कम करके आंका था.