रायपुर : भारत में जब भी किसी हिंदू जोड़े की शादी होती है तो उसमें पंडित मंत्र पढ़ते हैं, उन्हें सात कसमें खिलाई जाती हैं और अग्नि के सात फेरे लेकर वे पवित्र बंधन में बंध जाते हैं मगर छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के कापू गांव में एक अनोखा मामला सामने आया है, जो चर्चा का विषय बन गया है. यहां एक जोड़े ने शादी के दौरान पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करने की बजाय भारतीय संविधान की शपथ लेकर जन्म-जन्मांतर के बंधन में बंधने का फैसला लिया. जोड़े ने शादी करते समय ‘सात फेरे’ और ‘बैंड बाजा’ जैसी पारंपरिक रस्मों को दरकिनार कर दिया. उनके इस कदम ने उनके समुदाय के लोगों सहित कई लोगों को प्रभावित किया है. दुल्हन प्रतिमा लहरे और दूल्हे इमान लहरे ने शादी की किसी भी पारंपरिक रस्म को नहीं निभाने का फैसला लिया