नागपुर : कल्याण के योगीराम सोसाइटी में रहने वाले एमटीडीसी के अधिकारी अखिलेश शुक्ला को सोसाइटी में रहने वाले मराठी परिवार के साथ अपमानजनक व्यवहार व मारपीट करने के मामले में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने निलंबित करने की घोषणा विधान परिषद सभागृह में की. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अखिलेश शुक्ला. और उसकी पत्नी के खिलाफ एफआईआर दाखिल हो गई है. उन्होंने कहा कि राज्य में मराठी व्यक्ति का अपमान व मराठी की अस्मिता पर हमला किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. दरअसल, शीतसत्र के दौरान दोनों ही सदनों में यह मुद्दा विपक्षी दलों के सदस्यों ने उठाते हुए कहा कि परप्रांतियों द्वारा मराठियों के साथ बार-बार दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आ रही हैं. सदस्यों ने कहा कि, कोई कह रहा है भाजपा की सरकार आ गई है मारवाड़ी में बात करनी पड़ेगा. कोई कह रहा है मुंबई लोकल में मराठी को चौथी सीट नहीं मिलेगी. फ्लैट स्कीम में नानवेज खाने वालों को फ्लैट नहीं देने का अघोषित नियम बन गया है. यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है क्योंकि कड़ी कार्रवाई नहीं हो रही है. विप में अनिल परब ने कल्याण की ताजा घटना उठाते हुए कहा कि सोसाइटी में रहने वाले विजय कल्वेशेट्टिकर मराठी परिवार की वहीं रहने वाले अखिलेश शुक्ला की पत्नी से धूप जलाने को लेकर विवाद हुआ. शुक्ला ने खुद के मंत्रालय में काम करने की धमकी देते हुए कहा कि तुम्हारे जैसे 60 मराठी मेरे सामने झाडू लगाते हैं. उसने बाहरी लोगों को बुलाकर विजय व उसके परिवार पर हमला किया. गंभीर जख्मी को विजय को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. इसके तत्काल बाद सीएम फडणवीस ने सदन को जानकारी दी कि शुक्ला दंपति के खिलाफ एफआईआर हो गई है और अभिषेक शुक्ला को निलंबित करने की कार्रवाई हो रही है. तब कहीं विपक्ष शांत हुआ. मराठी माणुस को मुंबई से बाहर करने की साजिश विधानसभा में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले, शिवसेना यूबीटी के सुनील प्रभु ने तो विधान परिषद में अनिल परब, सचिन अहिर, भाई जगताप, शशिकांत शिंदे ने मराठी अस्मिता पर हमले का मुद्दा उठाते हुए कड़ा एक्शन लेने की मांग सरकार से की. परब ने कहा कि कहीं यह मराठी माणुष को मुंबई की सीमा से बाहर करने की साजिश तो नहीं चल रही है.