आंबेडकर मुद्दे से मिले मौके को भुनाने में जुटे केजरीवाल
दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा में 122 सीटें जीतकर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री व सहयोगी एकनाथ शिंदे को अपनी शर्तें मानने के लिए मजबूर कर दिया, लेकिन आगामी बिहार विधानसभा में उसकी ऐसी मनमानी चलना मुश्किल है. इसकी दो बड़ी वजह हैं, पहली- लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने 12 सीटें जीतकर अपना दबदबा कायम रखा है, दूसरा गठबंधन छोड़ने के बाद इंडिया ब्लॉक की नीतीश में नजरें बराबर बनी हुई हैं. खासकर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर लगातार डोरे डाल रहे हैं. ऐसे में भाजपा चाहे या न चाहं, पर नीतीश को छोड़ना उसके लिए मुनासिब नहीं होगा. देखा जाए तो नीतीश कुमार के दोनों हाथों में लइ हैं.