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शिंदे के रिश्तेदारों को अवमानना नोटिस

यवतमाल जिले पालिागापुर, यवतमाल किले के बागी नगाई की कोर्ट की नागपूर खंडपीठ द्वारा दिए गए अवमानना नोटिस जारी की है. इसमें उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी शिव सेना (शिंदे) पार्टी के पूर्व नगराध्यक्ष नानकराम नेभनानी के साथ यवतमाल कलेक्टर डॉ. पंकज आशिया, वणी नगर परिषद के प्रमुख सचिन गाडे का समावेश है. उन्हें 20 जनवरी तक अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है. इसके खिलाफ वणी के रामपुरा इलाके के कारोबारी पांडुरंग टोंगे ने जनहित याचिका दायर की है. इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति नितिन सांबरे और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी के समक्ष हुई याचिका के अनुसार टोंगे ने 2014 में उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वणी में नगर परिषद के अधिकार क्षेत्र में 160 ब्लॉक (भूखंड) पर कुछ व्यापारियों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है. इस पर निर्णय देते हुए संभागीय आयुक्त अमरावती और कलेक्टर यवतमाल को छह सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया गया और याचिका का निपटारा किया गया. साथ ही 6 नवंबर 2014 को जिला कलेक्टर ने नगर परिषद के शहरी नियोजन विभाग को इन भूखंडों का मूल्यांकन करने का आदेश दिया और तदनुसार उनकी नीलामी करने का आदेश दिया. हालांकि, 19 दिसंबर 2014 को इन अतिक्रमणकारियों ने तत्कालीन शहरी विकास विभाग के मंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और कलेक्टर के इस आदेश को चुनौती दी. राज्य मंत्री ने 6 मार्च 2019 को नया निर्णय लेते हुए इन ब्लॉक को तत्काल खाली कराने का आदेश दिया और ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत ब्लॉकों का आवंटन करने का निर्णय लिया इसे गांधी चौक के ब्लॉक धारकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हालांकि, कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर याचिका वापस ले ली गई. इस मामले पर सुनवाई 20 जनवरी को तय की गई है. ब्लॉक वणी का, हस्तक्षेप मुर्तिजापुर का याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि मेलघाट विधायक राजकुमार पटेल और मुर्तिजापुर के पूर्व महापौर, व्यवसायी नानकराम नेभनानी ने तत्कालीन शहरी विकास मंत्री शिंदे के सुझाव पर नीलामी प्रक्रिया को रोक दिया है जबकि उनके पास कोई अधिकार नहीं है याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता.

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