बाघ के हमले में 10 लोगों ने गंवा दी जान
भंडारा : भंडारा वनविभाग अंतर्गत अलग-अलग वनपरिक्षेत्रों में पिछले 3 वर्षों में 10 लोग बाघ का शिकार हो चुके हैं. अकेले इस वर्ष 2024 में बाघ के हमले में 4 लोगों की मौत हो चुकी है, बावजूद इसके वन विभाग इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठा रहा है. बुधवार को सोरना बीट में 60 वर्षीय व्यक्ति के बाघ का शिकार बनने की घटना तुमसर क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले 4 वनपरिक्षेत्रों तुमसर, नाकाडोंगरी, लेंडेझरी और जांब कांदी में अबतक की पहली घटना कही जा रही है. भंडारा वन विभाग के अंतर्गत दर्ज होने वाली इस वर्ष की यह चौथी घटना है. इसने जिले में जारी मानव वन्यजीव संघर्ष को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि घटना को 4 दिन बीत जाने के बाद भी वन विभाग हमलावर बाघ की पहचान नहीं कर पाया है. वहीं तुमसर क्षेत्र के वनपरिक्षेत्रों में इन दिनों बाघों की मौजूदगी बहुतायत में दर्ज की गई है और सूत्रों की मानें तो वहां के जंगलों में बाघों के विचरण की सूचनाएं हर रोज विभाग को प्राप्त हो रही हैं, बावजूद इसके जंगलों में लोगों का आना-जाना बना हुआ है. यह बात भी नोट की जा रही है कि तुमसर वनक्षेत्र के बाघ ‘शमीले’ हैं और मनुष्यों को हानि नहीं पहुंचाते हैं. वहीं तुमसर क्षेत्र के ग्राम सुंदरटोला में इससे पूर्व वर्ष 2017 में बाघ ने हमला कर 1 महिला को और साखली (चिचोली) के निकट 1 चरवाहे को घायल कर दिया था.
संवेदनशील पवनी रेंज में 6 लोगों की मौत
जानकारी चौंकाने वाली है कि भंडारा वन विभाग अंतर्गत वाघ के हमलों में वर्ष 2022 में 4, 2023 में 2 व 2024 में 4 समेत मनुष्यहानि की 10 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं. उनमें सबसे ज्यादा संवेदनशील पवनी रेंज में बाब के हमलों में 6 लोगों की मौत की घटनाएं शामिल हैं. बताया गया कि पवनी रेंज में 2022 में 1.2023 में 2 व 2024 में 3 लोग बाध हमले में मारे जा चुके हैं. लाखांदूर तहसील के लाखांदूर रेंज में 2022 में 3 लोग बाध का शिकार हुए.