संगठन में रोष, पटोले टेंशन में
भंडारा : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को अपने ही जिले में संगठनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उनके समर्थक उन्हें भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रचारित कर रहे हैं, लेकिन हालिया घटनाक्रमों से यह स्पष्ट हो रहा है कि भंडारा जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष उभर रहा है और महा विकास आघाड़ी (मविआ) के उम्मीदवारों को लेकर पार्टी में विभाजन दिखाई दे रहा है.
तुमसर विधानसभा का समीकरण
तुमसर से भाजपा के पूर्व विधायक रह चुके चरण वाघमारे ने लोकसभा चुनावों में नाना पटोले का समर्थन किया था. इस समर्थन के साथ ही यह स्पष्ट हो गया था कि वाघमारे खुद को तुमसर से विधानसभा चुनाव के लिए तैयार कर रहे थे. हालांकि, मविआ के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे में यह सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के हिस्से में चली गई. वाघमारे को राष्ट्रवादी में शामिल कर लिया गया, जिससे पार्टी के अन्य स्थानीय नेताओं, विशेष रूप से राष्ट्रवादी के जिला अध्यक्ष किरण अतकरी, की उम्मीदें धूमिल हो गई
कांग्रेस के भीतर असंतोष
नाना पटोले के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस के कई नेता लामबंद हो गए हैं. जिला परिषद सदस्य एकनाथ फेंडर और पूर्व विधायक अनिल बावनकर ने मविआ के इस कदम का कड़ा विरोध जताया है. एकनाथ फेंडर, जो कांग्रेस के सांसद डॉ. प्रशांत पड़ोले के करीबी माने जाते हैं, खुलेआम चरण वाघमारे को महा विकास आधाड़ी का उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं. यह असंतोष कांग्रेस के भीतर गहरे विभाजन को उजागर करता है. विशेषकर तब जब फेंडर जैसे नेता, जिनके जिला परिषद क्षेत्र में कांग्रेस को लोकसभा चुनावों में बहुत कम वोट मिले थे. वे अब मविआ के फैसलों का विरोध करने में सक्रिय हो रहे हैं.