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बाल रोग विभाग में विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन

1 से 7 अगस्त 2024 तक बाल रोग विभाग में विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया गया।इस वर्ष के विश्व स्तनपान सप्ताह का नारा माँ और बच्चे के बीच की दूरियाँ कम करें,था ! कार्यक्रम का उद्घाटन जिला शल्य चिकित्सक डाॅ. सोयम के हस्ते किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. कुचे (अस्थीरोग तज्ञ), डॉ. नौकरकर (बालरोगतज्ञ), डॉ. सुचीता घडसींग, डॉ. जया धोटे, डॉ. पर्नवी कुरंजेकर, डॉ. तेजस्वीनी राहुले, सहाय्यक अधिसेवीका लीमजे, नर्सिंग स्कूलचे प्राचार्य किरण मुरकूट आदि मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में सभी ने स्तनपान का समर्थन करने का संकल्प लिया।कार्यक्रम में उपस्थित बाल रोग विशेषज्ञों ने स्तनपान के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि छह माह तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए.माँ के गर्भ में पहले 1000 दिनों से लेकर दो साल की उम्र तक स्तनपान कितना महत्वपूर्ण है?इसे स्तनपान कराने वाली माताओं और गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ उनके परिवारों को उनकी अपनी बोली में उन शब्दों में बताने पर जोर दिया जाना चाहिए जिन्हें वे समझ सकें।भले ही यह स्तनपान सप्ताह है, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे इस कार्य को बिना किसी रुकावट के जारी रखें।

स्तनपान के लिए अस्पतालों में सीसीपी, बीएफएचआई गतिविधियां क्रियान्वित की जाती हैं।इस कार्यक्रम के अध्यक्ष जिला शल्य चिकित्सक डाॅ. सोयम ने स्तनपान के महत्व को समझाते हुए कहा कि स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाना, शिशु मृत्यु दर को कम करना और किसी भी स्वास्थ्य समस्या होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाना जरूरी है।पोषण में सुधार कैसे करें और प्रारंभिक बचपन के विकास पर ध्यान कैसे केंद्रित करें, इस पर मार्गदर्शन। किया इस कर्य्यक्रम में मंजूषा राउत, छाया फुले, रीता रॉय, भरणे, प्रीति साठवणे, नीलेश मदनकर आदि कर्मचारी उपस्थित थे।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अमृता यावले, सोनाली बावनकर, पायल जाधव और आशीष मोगरे ने बहुमूल्य सहयोग प्रदान किया।नागरिकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मानसून के दौरान जलजन्य बीमारियाँ न हों।

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