नहर फूटने से खेत पानी में डूबे
लाखनी : यहां से 3 किलोमीटर दूर तहसील के परसोडी, सालेभाटा शिंदीपार और मुंडीपार के खेतों में खुशीपार बांध तक जाने वाली जर्जर नहर फूटने से किसानों की सैकड़ों हेक्टेयर जमीन पर लगाई गई फसल पानी में डूबकर वह गई. जिसमें पीड़ित किसानों ने तत्काल मुआवजे की मांग की है. भारी बारिश के कारण सालेभाटा जाने वाली नहर पूरी तरह भर गया था. पानी के दबाव से यह नहर फूट जाने के कारण इस नहर का पानी परसोड़ी, सालेभाटा शिंदीपार और मुंडीपार परिसरों के खेतों में घुस गया और खेत में लगी फसल बहा ले गया खेतों में लगी फसलें नष्ट हो गयी. खेत में भूस्खलन के कारण भविष्य में इस भूमि पर खेती करना असंभव हो गया है. पीड़ित किसानों की मांग है कि इस क्षति के लिए सिंचाई विभाग जिम्मेदार है और वह खेती तथा नहर की मरम्मत कराएं. खुर्सीपार के जंगल में बांध बनाया गया है, जो लाखनी तहसील में परसोडी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है, इस बांध से परिसर के किसानों को कृषि उपज के लिए सिंचाई सुविधा दिलाने के नेक इरादे से 1983 में सालेभाटा तक जाने वाली नहर का निर्माण किया गया था. लाभार्थी किसानों का कहना है कि वर्षों पुरानी नहर जर्जर अवस्था में पहुंचा चुकी थी. इसके संबंध में किसानों द्वारा बार-बार सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता से मिलकर नहर की मरम्मत करने के संबंध में ज्ञापन दिए गए थे. लेकिन सिंचाई विभाग की अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की, सिंचाई विभाग के अधिकारियों की दुर्लक्षित नीतियों के कारण आखिरकार नहर टूट गई और नहर के बहते हुए पानी ने खेत में लगाई गई फसलों को नष्ट कर दिया जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी उक्त नहर किसानों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है, सिंचाई विभाग के उदासीन रवैए के कारण समय रहते नहर की मरम्मत नहीं की गई.