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जापानी इंसेफेलाइटिस से बालिका की हुई मौत

भंडारा: बारिश के दौरान जहां- तहां गड्डों में पानी जमा हो जाता है और इस वजह से मच्छर पनपते है. मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरियां, जापानी इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया और चंडीपुरा जैसी बीमारियां फैलने लगती है. हाल ही में जिले के अनेक भागों में बारिश और बाढ़ ने कहर कर दिया. नतीजतन कई भागों में बीमारियों के फैलने की आशंका बनी हुई है. हालांकि जिला प्रशासन ने काफी सतर्कता बरती और संबंधित बाढ़ परिसर में दवा छिड़काव से लेकर कई तरह के बचावात्मक कदम उठाए है. फिलहाल बारिश की विभिषिका के दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए है लेकिन पिछले दिनों जापानी इंसेफेलाटिस से एक बालिका की मौत हो जाने की जानकारी मिली है. मृत बालिका का नाम शिवानी पुरुषोत्तम उकेटोहने (8) है और वह वरठी के निकट पाचगांव की निवासी है. पिछले महिने 9 जून को इस बालिका को जापानी मस्तिष्क ज्वर होने की पुष्टि हुई और 11 जून को नागपुर के एम्स में उसकी मौत हो गई. बहरहाल जिला मलेरिया विभाग और जिला स्वास्थ्य विभाग ने पाचगांव परिसर में ऐहतियात के तौर पर इस बीमारी के रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए है.

डेंगू के 5 मरीज मिलें:

भंडारा जिले में पिछले 6 माह में डेंगू के 5 मरीज पाए गए. खास बात यह है कि उनमें 3 मरीज जिले से सटे इलाके के होने के कारण उन्हे उपचार के लिए भंडारा के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था. हालांकि, यह तीनों मरीज नागपुर जिले के निवासी है. इनमें मौदा निवासी वैभव अंकुश श्रावनकर (साढे तीन साल), सिरसी निवासी गुंजन रामचंद्र वाघमारे (3), कामठी निवासी अंजली अंशुल राजभर (16), मौदा निवासी अयांश बारई (20) और दिघोरी (धारगांव पीएचसी) निवासी आकाश दादाराम हलमारे (20) का समावेश है.

मलेरिया के 7 मरीज

पिछले 6 माह में जिले में मलेरिया बाधित 7 मरीज पाए गए है. इनमें विमले हंसराज भुरे (70), पाचगांव निवासी नरेश तुकाराम वंजारी (50), सुंदरी निवासी मनोज दिलीप सोनवाने (26), परसोडी निवासी नितीन नरविंद वघारे (24), मंचारना निवासी दिनेश किसन लांजेवार (38), धामनी निवासी दिनेश महादेव आंबेडारे (60) और बोरगांव निवासी राष्ट्रपाल जयराम मेश्राम (50) का समावेश है. खास बात यह है कि इसमें से आखरी के 5 व्यक्ति मजदूर है और वे बाहरी राज्य से मलेरिया अपने साथ लेकर आए होंगे ऐसा अंदाजा लगाया गया है. मनोज सोनवाने और नितीन वधारे ट्रक पर मजदूरी करने मप्र गए थे. वही दिनेश लांजेवार, दिनेश आंबेडारे छत्तीसगढ और राष्ट्रपाल मेंश्राम राजस्थान तेंदुपत्ता तुड़ाई के लिए गए थे. संभवतः वे वहीं से मलेरिया से बाधित होकर लौटे है.

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