नया पुल महज डेढ़ माह में बहा
भंडारा : जिले में पिछले चार दिनों में हुई भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई है. नदी-नाले उफान पर हैं. इसी तरह मोहाड़ी तहसील के चिचटोला में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. इसमें नहर पर बना एक नया पुल पहली बारिश में बह गया. इस घटना से पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा हो गया है. महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत मोहाड़ी तहसील के चिचखेड़ा में 18 लाख 73 हजार 416 रुपये की लागत से एक पुल का निर्माण किया गया. लेकिन, दो दिन पहले आई बाढ़ से पुल में जगह-जगह दरारें पड़ गई और यह पुल बह गया. इस पुल का निर्माण 2 अप्रैल 2024 को शुरू हुआ और 10 जून 2024 को पूरा हुआ. हालांकि इस कार्य की गुणवत्ता पर सवाल इस बात से उठा है कि डेढ़ माह के अंदर ही बारिश के कारण यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. धन की बर्बादी: नागरिकों का आरोप है कि इस घटिया निर्माण में भ्रष्टाचार कर लोगों का पैसा बर्बाद किया गया है. जब इस पुल का काम चल रहा था, तभी ग्रामीणों ने इसकी शिकायत ग्राम पंचायत सचिव और इंजीनियरों से की थी. लेकिन भ्रष्टाचार में डूबे प्रशासन ने इस शिकायत को नजरअंदाज कर दिया. अब महज डेढ़ महीने पहले बना पुल बह गया है. वैभव चोपकर, ग्राम पंचायत सदस्य रूपेश सिंदपुरे, अनिल गाढवे सहित ग्रामीणों ने इस निर्माण की गहन जांच करने और दोषियों के खिलाफ सार्वजनिक धन के गबन का मामला दर्ज करने की मांग की है.
ठेकेदार को काली सूची में डाले
पहली ही बरसात में भारी बारिश के तेज बहाव के कारण पुल का बह जाना पुल के घटिया निर्माण को साबित करता है. शुरू से ही शोर किया जा रहा था कि निर्माण खराब हो रहा है.
आखिरकार पहली ही बारिश में पुल बह जाने से घटिया निर्माण कार्य किए जाने की बात सच साबित हुई है. ग्रामीणों ने उक्त कार्य कराने वाले ठेकेदार को काली सूची में डालने तथा घटिया निर्माण में लापरवाही बरतने वाले निर्माण अधिकारियों की जांच की मांग की है.