सायरा बानो बोलीं- साहब जैसा कोई नहीं
दिलीप साहब को दुनिया छोड़े आज 3 साल हो गए। 2021 में आज ही के दिन वे दुनिया से रुखसत हो गए।सायरा जी ने कहा कि दिलीप साहब इतने डाउन टु अर्थ थे कि अपने आस-पास के लाइट मैन या क्रू मेंबर्स की प्लेट से खाना निकालकर खाने लगते थे। वे कहीं शूटिंग करने जाते थे तो होटल में ना रुक कर गेस्ट हाउस में ठहरते थे।
दिलीप कुमार के एक कॉल पर हाजिर होते थे राज कपूर
दिलीप साहब के समय के स्टार्स चाहे वो सुनील दत्त हों, राज कपूर हों या देव आनंद। ये सारे एक दूसरे की काफी रिस्पेक्ट करते थे। इस जेनरेशन में कहीं न कहीं उस चीज की कमी दिखाई देती है। इस पर सायरा जी कहती हैं, ‘उस वक्त के स्टार्स एक दूसरे को टाइम देते थे। उनके साथ अपना दुख-सुख बांटते थे। आज के यंग एक्टर्स दूसरों के लिए टाइम नहीं निकाल पाते। यह सबसे बड़ी कमी है।
दिलीप साहब को लोगों को अपने घर खाना खिलाने का बहुत शौक था। अगर कोई उनसे मिलने भी आता था, तो उसे बिना खाना खिलाए नहीं भेजते थे। वे बस सायरा जी को बता देते थे कि आज इतने लोग लंच पर आएंगे। सायरा जी घर की अन्य महिलाओं के साथ उन सभी के लिए खाना बनाना शुरू कर देती थीं। सायरा जी ने कहा कि उनके घर पर इतना राशन होता था कि एक बार में चाहे जितने भी लोग आएं, सबके लिए खाना तैयार हो जाता था।
दिलीप कुमार भले ही सुपरस्टार थे, लेकिन उनकी जीवन शैली बहुत हद तक साधारण रही। वे जब देश के अन्य हिस्सों में शूटिंग करने जाते थे, तब होटल्स वगैरह में कम ही रुकते थे। उनके साथ फिल्म की शूटिंग कर रहे एक्टर्स या क्रू मेंबर्स होटल्स में स्टे करते थे, दिलीप साहब इसकी जगह किसी सरकारी गेस्ट हाउस में रहने चले जाते थे। उनका मनाना था कि फाइव स्टार या बड़े होटल में रहकर मुंबई वाला ही फील आएगा। ऐसे में माहौल को समझने के लिए वे गेस्ट हाउस चले जाया करते थे। वहां भले ही मूलभूत सुविधाओं की कमी थी, लेकिन उन्हें वहीं पर रहना ज्यादा पसंद आता था।बॉलीवुड के तीनों खान, शाहरुख, सलमान और आमिर भी दिलीप साहब की बड़ी रिस्पेक्ट करते थे। ये तीनों अक्सर दिलीप साहब का हाल-चाल लेने उनके घर आते थे। वे शाहरुख को तो बिल्कुल बेटे की तरह ट्रीट करते थे।