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2 वर्षों में 40.39 करोड़ के घोटाले उजागर

घोटाले कभी खत्म नहीं होते, जमा राशि जब्त होने की संभावना

भंडारा : जिले से धान घोटाले का दौर खत्म होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है. 2021 से 2023 तक के पिछले दो साल में 40.39 करोड़ रुपये के धान घोटाले उजागर हुए है. इस मामले में 11 संस्थाओं के पदाधिकारियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. अब एक और संस्था के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना है. धान की खेती चार जिलों भंडारा, गोंदिया, गड़चिरोली, चंद्रपुर में की जाती है. लेकिन कभी भारी बारिश, कभी सूखा तो कभी कीटों के कारण धान की खेती अविश्वसनीय हो गई है. जिससे किसानों को संकट का सामना करना पड़ता है. इसलिए उन्हें राहत देने के लिए सरकार गारंटीशुदा भाव और बोनस प्रदान करती है.
भंडारा जिले में धान घोटालों का सिलसिला 2011-12 के आसपास शुरू हुआ. पिछले दो वर्षों में संत रविदास पिछड़ा वर्ग सेवा शिक्षित बेरोजगार सेवा सहकारी समिति तुमसर, आधार सेवा सहकारी समिति पवनी, अन्नपूर्णा सेवा सहकारी समिति बपेरा, विविध कार्यकारी सेवा सहकारी समिति अंबागढ़, विविध सेवा सहकारी समिति नाकाडोंगरी, विभिन्न सेवा सहकारी समिति वाहनी, मां शारदा सेवा सहकारी समिति मुंढरी बुज., एकता सहकारी समिति बेला, आकांक्षा सेवा सहकारी समिति तुमसर, पुष्पा अमृत सेवा सहकारी समिति बेलाटी, राष्ट्रसंत शिक्षित बेरोजगार सेवा सहकारी संस्था गवरला आदि का समावेश है. इन दोषी संस्था चालकों के खिलाफ संबंधित थाने में मामला दर्ज कराया गया है.

1.36 लाख क्विंटल धान घाटा

वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 के खरीफ एवं रबी सीजन के दौरान उपरोक्त संस्थाओं की ओर से 4 लाख 47 हजार 436 क्विंटल धान की खरीदी की गई. इसमें से 3 लाख 10 हजार 647 क्विंटल धान का उठाव राइस मिलर्स ने किया था. अतः प्रबंधन की ओर से 1 लाख 36 हजार धान का पारस्परिक निराकरण किया गया. जांच के अंत में यह कमी पाए जाते ही जिला पणन अधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया. अधिकारियों ने कहा कि यदि संबंधित निदेशकों ने 40 करोड़ रुपये नहीं चुकाए तो निदेशकों की पणन विभाग के पास जमा की गई 10 लाख रुपये नकद और 50 लाख रुपये की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और इन संपत्तियों की नीलामी की जाएगी.

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