सत्संग में भगदड़ 180 लोगों की मौत
हाथरस से 47 किलोमीटर दूर फुलरई गांव में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मचने से कम से कम 130 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में ज्यादातर महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं. 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इनमें से ज्यादातर की हालत नाजुक है. इसलिए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. घायलों को टेंपो और बसों में हाथरस के अस्पताल लाया गया. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, सत्संग खत्म होने के बाद लोग हॉल से निकल रहे थे. हॉल छोटा था, गेट भी पतला था. पहले निकलने की होड़ में भगदड़ मच गई. लोग एक दूसरे पर आ गिरे. ज्यादातर लोगों की मौत कुचले जाने से हुई. इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे. इस घटना से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है. जानकारी के अनुसार सत्संग में उम्मीद से ज्यादा भीड़ आ गई थी. सत्संग में लगभग 1,00,000 लोग मौजूद थे. हाथरस के डीएम आशीष कुमार के अनुसार, ये एक निजी कार्यक्रम था, जिसके लिए आयोजकों ने एसडीएम से अनुमति ली थी.
पहले निकाला बाबा का काफिला
सत्संग खत्म होने के बाद बाबा के अनुयायी बाहर सड़क की ओर जाने लगे. अनुयायियों को सेवादारों ने जहां थे, वहीं रोक लिया. सेवादारों ने पहले साकार हरि बाबा के काफिले को वहां से निकाला, उतनी देर तक वहां अनुयायी गर्मी और उमस में खड़े रहे. बाबा के काफिले के जाने के बाद जैसे ही सेवादारों ने अनुयायियों को जाने के लिए कहा, वहां भगदड़ की स्थिति बन गई.
72 पुलिसकर्मी थे तैनात
कार्यक्रम के आयोजन के तहत गांव फुलरई और मुगलगढ़ी के बीच जीटी रोड के किनारे कई पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी. 72 पुलिस वालों को तैनात किया गया था. कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी कि संभालना मुश्किल हो गया.
कीचड़ में एक के ऊपर एक गिरते गए लोग
सत्संग पर आयोजन समिति से जुड़े महेश चंद्र ने कहा कि हमने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर कार्यक्रम कराया था. कार्यक्रम में एक लाख से अधिक श्रद्धालु आयोजन मौजूद थे. जब कार्यकम खत्म हुआ तब भगदड़ मच गई, ये हादसा प्रशासन की कमजोरी की वजह से हुआ है. कार्यक्रम खत्म होने के बाद कीचड़ में लोग एक के ऊपर एक गिरते रहे, कोई संभालने वाला नहीं था. मैं भंडारे का काम देख रहा था. हाथरस में ये कार्यक्रम 13 साल बाद हुआ. हमारे पास 3 घंटे की परमिशन थी. कार्यक्रम खत्म होने के बाद घटना हुई है. प्रशासन को अनगिनत श्रद्धालुओं के कार्यक्रम में आने की जानकारी दी गई थी
सिपाही को आया अटैक
मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम यूपी के जिलों के हैं. इधर, एटा में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही को हार्ट अटैक आ गया. साथी उसे डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई.