संपादकिय

3 माह तक ताडोबा में पर्यटन पर रहेगी रोक

देश का बाघ परियोजना में पर्यटकों को पर्यटन की चाहत है. लेकिन 1 जुलाई से पर्यटकों के लिए ताड़ोबा पर्यटन के लिए बंद कर दिया है. देश की सभी बाघ परियोजनाओं और अभ्यारण्यों के प्रवेश द्वार को 1 जुलाई से ताला लगा दिया गया है. हालांकि, यह छुट्टियां टाइगर रिजर्व और अभयारण्य के मुख्य क्षेत्र में हैं और अधिकांश स्थानों पर बफर जोन को पर्यटन के लिए खुला रखा जाएगा. मानसून और सुरक्षा कारणों से जुलाई, अगस्त और सितंबर तीन महीनों के दौरान सफारी बंद रहेगी.

पर्यटक तीन महीने तक जंगल सफारी का आनंद नहीं ले पाएंगे. इनमें विदर्भ में पेंच टाइगर रिजर्व, उमरेड कहांडला, बोर टाइगर रिजर्व, नवेगांव-नागजीरा टाइगर रिजर्व और ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व शामिल हैं. वन मार्गों के कारण यह निर्णय वन विभाग द्वारा लिया जाता है. यह सड़कें कच्ची और गंदगी भरी रहती है. मानसून के दौरान यह बहुत गंदा हो जाता है. नतीजतन, जीप और अन्य वाहन फंस जाते हैं. जिससे पर्यटकों के लिए परेशानी और असुरक्षित की स्थिति निर्माण हो जाती है. ऐसे में जमीन पर मौजूद ये छोटे जीव वाहनों से कुचल न जाएं, इन कारणों को ध्यान में रखते हुए हर साल की तरह इस साल भी सफारी को बंद कर दिया गया है. हालांकि, राष्ट्रीय उद्यान के अधिकांश बफर जोन मानसून के दौरान सफारी के लिए खुले रहते हैं. दक्षिण भारत में कुछ राष्ट्रीय उद्यान पूरे वर्ष खुले रहते हैं. ताड़ोबा, पेंच, कान्हा, रणथंबोर, नागरहोल पार्क के बफर जोन बाघ दर्शन के लिए अच्छा है.

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