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मौसम बना, पर नहीं बरसी बारिश

भंडारा : 13 जून को पौ फटने से लेकर दोपहर तक बदरिला मौसम बना रहा. लग रहा था कि बारिश का आगमन हो सकता है, लेकिन किसानों की आशाओं पर मौसम ने पानी उंडेल दिया. जिले में मृग नक्षत्र में अभी तक भारी बारिश नहीं हुई है. हालांकि, लाखांदुर और साकोली तहसील में तूफानी हवाओं के साथ बारिश के आगमन के बावजूद अभी भी बुआई के लिए उपयुक्त तेज बारिश नहीं हुई है. इसलिए किसान खरीफ की बुआई के लिए फिलहाल इंतजार करने की भूमिका अपना रहे हैं. पिछले कुछ महीनों से जिले में बादलों और सूरज के बीच लुकाछिपी का खेल चल रहा है. हर दो-तीन दिन के बाद बारिश और आंधी का असर दिखाई देने लगता रहा है. उस समय बारिश की कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन अब बारिश की जरूरत है तो बारिश के लिए किसानों को तरसना पड़ रहा है. 13 जून को भी मौसम बना लेकिन बारिश नहीं हुई. लगभग 6-7 घंटे तक बादलों का आसमान पर बसेरा बना रहा. हालांकि, इस अवधी में न तो बादलों की गरज सुनाई दी और न ही बिजली की चमक देखी गई. फिर भी किसानों को हलकी सी बारिश होने की उम्मीद बंध गई थी. दोपहर तकरीबन 1 बजे के दौरान जब सूरज निकल आया तो किसानों की यह उम्मीद भी टूट गई.

तीन सालों से दगा दे रही बारिश

फसल बोने के लिए कृषि भूमि को पहले से ही जोतकर तैयार किया जाता है. प्राकृतिक वर्षा होने पर धान के खेत भरने लगते हैं. पिछले तीन वर्षों से प्रकृति की बारिश मृग नक्षत्र में किसानों को दगा दे रही है. इसलिए पिछले 3 साल से किसान खरीफ सीजन में बीज बुआई से नाखुश नजर आ रहे हैं. मौसम विभाग से रोजाना अपडेट ली जा रही हैं. लेकिन अभी भी बारिश नहीं हुई है. इस साल अप्रैल और मई महीने में बेमौसम बारिश के कारण गर्मी के मौसम के धान को काफी नुकसान हुआ, जिससे किसान तबाह हो गये. जहां किसान खराब मौसम में भी अच्छी बारिश की उम्मीद लगाए बैठे हैं. वहीं मृग नक्षत्र आने के बाद भी बारिश नहीं होने से किसानों की निगाहें आसमान की ओर टिकी हुई हैं.

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