रोगायो पर मजदूरों की जान की कीमत 50,000 रु.
भंडारा. मजदूरों को गांव में ही काम उपलब्ध हो. इसके लिए सरकार की ओर से महाराष्ट्र ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना चलाई जाती है. 29 अगस्त 2003 के सरकारी निर्णय के अनुसार इस योजना के श्रमिक की दुर्घटना एवं मृत्यु की स्थिति में 50 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है. बिजली के झटके या डूबने या सरीसृपों के काटने से मृत्यु होने पर 4 लाख रुपये और जंगली जानवरों के हमले से मृत्यु होने पर या शरीर के 2 महत्त्वपूर्ण अंगों को खोने पर 8 से 5 लाख रुपये और दुर्घटना की स्थिति में किसान की मृत्यु पर बीमा योजना के माध्यम से परिवार को 2 लाख रुपये प्रदान किये जाते है.
केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे और गरीब परिवार के एक व्यक्ति को वर्ष में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने के नेक इरादे से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शुरू की गई थी. यह राज्य में महाराष्ट्र ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के नाम से चल रही है. इस योजना •का केन्द्र बिन्दु ग्रामीण क्षेत्र है तथा 60 प्रतिशत अकुशल (श्रमिक) तथा 40 प्रतिशत कुशल कार्य (निर्माण) का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना की योजना, समन्वय और निगरानी का काम ग्राम पंचायत को सौंपा गया है और इस के लिए ग्राम सेवक के सहायक के रूप में एक रोजगार अधिकारी का चयन किया गया है.