लू से निपटने की तैयारी पूरी
भंडारा : जिला सामान्य अस्पताल में हीट स्ट्रोक कक्ष कब से प्रारंभ कर दिया गया है लेकिन अभी तक एक भी मरीज उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में नहीं पहुंच पाया है. फिलहाल गर्मी का पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. भीषण गर्मी की वजह से लोग दोपहर के समय घर से बाहर निकलना भी पसंद नहीं कर रहे है. यही कारण है कि इन दिनों दोपहर में शहर की सड़कें सूनसान हो जाती हैं. इसके बाद भी अब तक एक भी मरीज उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में नहीं। पहुंचने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रही है. भंडारा के जिला अस्पताल में नई इमारत जिसे कोरोना ब्लॉक कहा जाता है, वहां हीट स्ट्रोक कक्ष स्थापना किया गया है. इस इमारत के वॉर्ड नं 9 और 13 में 4-4 बेड का हीट स्ट्रोक कक्ष प्रारंभ किया गया है. इसमें से एक महिलाओं के लिए तो दूसरा पुरूषों के लिए है. यहा बेड की व्यवस्था के साथ ही कूलर की उपलब्ध करवाए गए हैं. केवल मरीजों का इंतजार है और मरीज हैं कि आने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. बताया जाता है कि पिछले वर्ष ही यह व्यवस्था कायम की गई है. वातानुकुलित कक्ष तो है लेकिन पिछले साल से अभी तक एक भी मरीज यहां नहीं पहुंचा है
निजी अस्पतालों का सहारा
ऐसा लगता है कि भंडारा में लोग एक तो भीषणा गर्मी सहने के आदि हो गए हैं या फिर सरकारी अस्पताल में इलाज कराना नहीं चाहते. वैसे देखा जाए तो सरकारी अस्पताल में अधिकांश गरीक तबके के लोग ही अधिक संख्या में पहुंचते हैं. इन मजदूर किस्म के लोगों को दिन भर मेहनता मजदूरी करने के बाद ही दो जून की रोजी मिलती है. कडी धूप में भी उन्हें लू नहीं लगती यह भी सचा है. लू लगने के मरीज उपचार के लिए निश्चित रूप से निजी अस्पतालों में जा रहे होंगे ऐसी उम्मीद की जा रही है.